रोमियों 12:1-5
Roman 12:1-5
परमेश्वर इस वचन के अनुसार हमें कहते हैं कि हम अपने मन को स्थिर करें। सांसारिक गतिविधियों के अनुसार अपने आप को ढालना बंद करें। मन को जाँचें परखें और नयी दिशा दें। नयी सोच समझ के साथ परमेश्वर कि योजना मे सहभागी बनें।
कोई अपने आप को बढ़ कर ना समझें और न ही अधिक बुद्धिमान समझे, वरन परमेश्वर के वचनो के अनुसार चलनेवाले और आज्ञा मानने वाले बनें।
जिस प्रकार हमारे शरीर के हर अंग एक जैसे काम नही करते, वैसे ही हर एक मनुष्य के मन और विचार अलग हैं, पर हमें विभिन्नता में भी एक साथ परमेश्वर पर बनें रहना है, जैसे हमारे शरीर के विभिन्न अंग एक-दूसरे से जुड़े हुवे हैं।
परमेश्वर इस छोटी शिक्षा पर बहुतायत से आशीष दे
॥ आमीन ॥
मेरे बारे में Naveen Minj
यीशु के मधुर नाम में आप सभी को मेरी ओर से प्यार भरा यीशु सहाय | मेरा नाम नवीन कुमार मिंज है | मैं नॉर्थ वेस्टर्न जी ई एल कलीसिया के तोलमा पेरिश के हाटी मंडली का सदस्य हूँ | मेरी व्यक्तिगत सामाजिक गतिविधियों में रुचि नें इस वेबसाइट को प्रकाशित करने हेतु प्रेरित किया | सेवकाई के कार्य को अलग रूप व आज के परिवेश में साथ लेकर चलना ही इस वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य होगा | धन्यवाद